समाज | 3-मिनट में पढ़ें
समाज | एक अलग नज़रिया | 4-मिनट में पढ़ें
प्यारी लड़कियों तुम दुनिया के लिए खुद को ऐसे नहीं भूला सकती, तुम्हारे लौटने का इंतजार है
कॉलेज के दिनों में वो टॉपर तो नहीं थी लेकिन होनहार इतनी थी कि कुछ तो कर ही लेती, उसे प्रोफेसर बनना था लेकिन शादी होते ही जैसे उसकी दुनिया बदल सी गई है. ऐसा भी नहीं है कि उसे वहां किसी बात की दिक्कत हो या फिर कमी हो लेकिन वो अब उसे भूल सी गई है जो कभी हुआ करती थी. कभी-कभी याद आती है उसे खुद की...
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
नामीबिया में बैठे 'ब्रो चीते' को भेजे पत्र में भारत आए चीते ने अपना कलेजा निकाल कर रख दिया
पीएम मोदी के बर्थडे पर, भारत पहुंचे चीते ने नामीबिया के जंगल में घूमते चीते को खुला खत लिखा है. और आम से लेकर खास तक हर बात बताई है. चिट्ठी में जो चीते की बातें हैं वो न केवल इमोशनल करेंगी बल्कि कई जरूरी सवालों की तरफ हमारा ध्यान भी आकर्षित करेंगी.
समाज | एक अलग नज़रिया | 5-मिनट में पढ़ें
प्यारी लड़कियों! राजकुमार सफेद घोड़े पर नहीं आते, ना ही जिंदगी फेयरी टेल होती है...
लड़कियों को यह ख्वाहिश छोड़ देनी चाहिए कि कोई उन्हें पागलों की तरह प्यार करे, क्योंकि पागल इंसान एक समय के बाद अपना पागलपन दिखाता है. तब वे यह बर्दाश्त नहीं कर पातीं कि पागलपन की हद तक प्यार करने वाला हमारा राजकुमार अब शैतान जैसा नजर आने लगा है.
ह्यूमर | 5-मिनट में पढ़ें
सियासत | बड़ा आर्टिकल
सियासत | 6-मिनट में पढ़ें
शहीद सुखदेव का महात्मा गांधी को लिखा पत्र कई सवाल खड़े करता है
एक पत्र सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल रहा है और जिसे महान क्रांतिकारी सुखदेव ने उस वक़्त लिखा था जब 5 मार्च 1931 को महात्मा गांधी और तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन के बीच एक पॉलिटिकल एग्रीमेंट हुआ था. सुखदेव का पत्र एक नेता के रूप में महात्मा गांधी पर सवाल खड़े करता नजर आ रहा है.
समाज | एक अलग नज़रिया | बड़ा आर्टिकल
एक खत उन लड़कियों के नाम जो प्यार में 'उनके' सामने खुद को भूला बैठी हैं…
तुम तो प्यार में हो फिर इतनी उदासीन कैसे...अच्छा तो सारा ध्यान पार्टनर पर है. वह तो तुम्हें बहुत चाहता है. क्या वो चाहत एहसास से जाकर शब्दों तक सीमित हो गई है. क्या वह व्यस्त रहता है या तुम उसके सभी महत्वपूर्ण कामों के बाद आती हो. अच्छा तो वह अपनी जिंदगी जी रहा है फिर तुम इतनी फ्री कैसे रहती हो...
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